तेरे फज़ल से मसीहा
तेरे फज़ल से मसीहा,
मिल गई है नज़ात
बदल दिया जीवन मेरा
और दिया रूह-ए-पाक
फ़ज़ल तेरा हम पर, यीशु
रहम तेरा हम पर
देख कर हालत हमारी,
तू ना रह सका
आ गया हमको बचाने,
किया है बेहद प्यार - 2
थके मांदे बोझ से दबों को,
कर दिया है आज़ाद
प्यार के वादे निभा दे,
बाप आसमानी
ज़िन्दगी अब्दी हमें दी,
देके कुर्बानी - 2
फ़ानियों को गैर-फ़ानी,
बक्श दी है मीरास
बाप बेटे पाक रूह की,
हो सदा तारीफ
आसमानी बादशाही,
में किया है शरीक - 2
हालेलुयाह -2,
हम गायेंगे सदा