ह्रदय भेंट चढ़ायें
ह्रदय भेंट चढ़ायें प्रभु को
स्तुति प्रशंसा करें
हम सब संत जन मिलकर
पाप का भार उठाने, आया मसीह जग में
पापियों के सब पाप मिटाने - 2
जीवन दान दिया
संकट क्लेश उठाये, नम्र और दीन बनकर
द्वार उद्धार का खोला प्रभुजी - 2
सनातन आशा दी
आश्चर्य स्वर्गीय प्रेम, हम पापियों के लिये
फिर मत जाना पापी जगत में - 2
पाप में ना फँसकर
अर्पण करते हैं यीशु को, आत्मा प्राण देह भी
रक्षा करो प्रभु इस जीवन की - 2
विनती हमारी यही