जो क्रूस पर कुर्बां है
जो क्रूस पर कुर्बां है, वो मेरा मसीहा है
हर जख्म जो उसका है, वो मेरे गुनाह का है
इस दुनिया में ले आये, मेरे ही गुनाह उसको,
मेरे ही गुनाह उसको
ये जुल्म-ओ-सितम उसपर, मैंने ही कराया है
जो क्रूस...
इंसान है वो कामिल, और सच्चा खुदा वो है
और सच्चा खुदा वो है
वो प्यार का दरिया है, सच्चाई का रास्ता है
जो क्रूस...
देने को मुझे जीवन, खुद मौत सही उसने,
खुद मौत सही उसने
क्या खूब है कु्र्बानी, क्या प्यार अनोखा है
जो क्रूस...