मन मंदिर में बसने वाला
मन मंदिर में बसने वाला
येशु तू है निराला
१. जिसके मन में तू जनम ले
अविनाशी आनंद से भर दे
आदि अनंत और प्रीत रीत की
जल जायेगी ज्वाला - २
२. मूसा को तुने पास बुलाया
स्वर्ग लोक का भवन दिखाया
महापवित्र स्थान में रहकर
आप ही उसे संभाला - २
३. हर विश्वासी प्रेम से आए
ख़ुशी से आपनी भेटं चढाये
अन्धकार अब सब दूर हुए हैं
मन में हुआ उजाला - 2