मेरा खुदा हर रोज़
मेरा खुदा हर रोज़ मुझे
नई खुशियाँ देता है
शादमाँ वो शादमाँ वो
मुझे बना देता है
जब होती है कोताही कोई
या बात गलत मुझ से
मैं करता नहीं
हो जाता है
जब काम गलत मुझ से
मेरा मसीह बिगड़े हुए
मेरे काम बना देता है
मेरा खुदा...
जब भूल मैं जाता हूँ कभी
बाइबल की बातों को
और नींद से उठ जाता हूँ
घबरा कर रातों को
मेरा मसीह आकर मेरे
सपनों को सजा देता है
मेरा खुदा...
जब गैर हो जाते हैं कभी
ऐसे ही खफ़ा मुझ से
और दोस्त भी कर जाते हैं
ऐसे ही ज़फ़ा मुझ से
वो प्यार की फ़ुलवारी से मेरी
राहों को सज़ा देता है
मेरा खुदा...