रोशनी
रोशनी
जहाँ थी खुशबू प्यार की
कहा से आई नफरत की तलवार
जहा रहते थे साथ मिल के
कहाँ से आई जात धरम की दीवार
येशु ने सिखाया, करो तुम दुश्मनों से भी प्यार
है ये मेरी दुआ, सलामत रखना
भारत को, ए खुदा
है ये दुआ
जब कहीं बहता है लहू, हाँ वहीँ बहते है आंसू
हर तरफ छाया हुआ है मातम
जो थे अपने, वो बन गाए दुश्मन
जो दे कांटे उसका दामन,
फूलों से भर दो - २
है ये मेरी दुआ, सलामत रखना
भारत को, ए खुदा
है ये दुआ
आओ मिल कर हम बनाए ज़िन्दगी
अंधेरी रातों में जलाए रौशनी - २
रोशनी .......