kroos se bah ke aatee hai khoon kee dhaar क्रूस से बह के आती है खून की धार
क्रूस से बह के आती है खून की धार
जिसमें पिता का है, प्रेम अपार
बहते-बहते मुझको बहा ले जाए
प्रेम के सागर में
प्रेमी प्रभु मेरे यीशु, दिन-प्रति-दिन तू मुझमें बढ़े
घटता रहूँ प्रभु मैं
ढूँढा मुझे अनन्त प्रेम से, अनंत आशीषं दी हैं मुझे
मुझ दीन को योग्य बना दिया, परम पिता के लिए
इस जग में गरीबी से घिर जाऊँ मैं, प्यार तेरा है काफी मुझे
आत्मा मेरी, तेरे प्रेम से परिपूर्ण है, घटी नहीं है मुझे
इस जग में प्रशंसा मैं किसकी करूं, कोई नहीं हैं तेरे सिवा
प्रभु तेरा प्रेम मेरा स्तुति गीत है, मेरा आनंद है