khaamosh raathon ki thandi hawaao se खामोश रातों की ठंडी हवाओ से
खामोश रातों की ठंडी हवाओ से
आयी फरिश्तों की मीठी आवाज़
पैदा हुआ पैदा हुआ (2)
मुक्ति दाता हमारा पैदा हुआ
तारणहारा हमारा पैदा हुआ ||खामोश||
फरिश्तों ने आके ज़मीन पे
गडरियों को दिया इशारा
पैदा हुआ है मुंजी जो
मिलेगा तुम्हे एक गोशाला (2)
चरवाहों ने भी उसको सजदा किया (2) ||खामोश||
देखो वो पूरब दिशा से
आये थे थारे के पीछे
मजूशी भी सर को झुकाके
शिक्षक येशु को ही माने (2)
बुद्धिमानो ने भी उसको सजदा किया (2) ||खामोश||