सत्य को स्वीकारने वाले ही परमेश्वर की वाणी सुन सकते हैं
जहां कहीं भी परमेश्वर प्रकट होता है वही
सत्य व्यक्त किया जाएगा और वहां
परमेश्वर की वाणी होगी। केवल वे
लोग ही परमेश्वर की वाणी सुन पाएंगे। जो
सत्य को स्वीकार कर सकते हैं और केवल इस
तरह के लोग ही परमेश्वर के प्रकटन को
देखने के योग्य हैं।
अपनी धारणाओं को जाने दो। खुद को
शांत करो और परमेश्वर के वचनों को
ध्यान से पढ़ो। जब तक तुम्हारे पास
ऐसा दिल है जो सत्य के लिए
लालायित रहता है तब तक परमेश्वर
तुम्हें प्रबुद्ध करेगा
ताकि तुम उसके इरादे और
वचन समझ सको
असंभवता के अपने तर्क छोड़ दो।
लोग किसी चीज को जितना अधिक असंभव
मानते हैं। उसके घटित होने की उतनी ही
अधिक
संभावना होती है। क्योंकि परमेश्वर की
बुद्धिमत्ता स्वर्ग से ऊंची है। परमेश्वर
के विचार मनुष्य के विचारों से
ऊंचे हैं। और परमेश्वर अपना कार्य
मनुष्य की सोच और धारणा की सीमाओं से परे
करता है।
जितना अधिक कुछ असंभव होता है
उतना ही अधिक उसमें खोजने लायक
सत्य होता है। जितना अधिक किसी
चीज की कल्पना मनुष्य की धारणाओं
द्वारा नहीं की जा सकती है। उसमें
परमेश्वर के इरादे उतने ही अधिक
होते हैं।
ऐसा इसलिए
है क्योंकि परमेश्वर चाहे कहीं भी प्रकट
क्यों ना हो वह फिर भी परमेश्वर
है
और उसका सार उसके प्रकटन के स्थान
या तरीके के आधार पर
कभी नहीं बदलेगा।
परमेश्वर
के कदम चाहे कहीं भी हो उसका स्वभाव
नहीं बदलेगा
और चाहे परमेश्वर के कदम कहीं भी
हो वह समस्त मनुष्य
जाति का परमेश्वर है।
ठीक वैसे ही जैसे कि प्रभु यीशु
ना केवल इजराइलियों का परमेश्वर
है बल्कि वहां एशिया
यूरोप और अमेरिका के सभी लोगों का और इससे
भी अधिक वह समस्त ब्रह्मांड का
एकमात्र
अद्वितीय परमेश्वर
है।
आओ हम परमेश्वर के इरादे खोजे और
उसके कदमों और वचनों में उसके
प्रकटन का पता लगाए
और उसके कदमों के साथ तालमेल रखें। उसके
कदमों के साथ तालमेल रखें।
परमेश्वर
सत्य मार्ग और जीवन है। उसके वचन और उसका
प्रकटन
साथसा विद्यमान है।
और उसका
स्वभाव और पद चिन्ह हर समय मानव जाति के
सामने सार्वजनिक रूप से
प्रकट किए जाते हैं।
प्यारे भाई बहनों परमेश्वर आशा करता है कि
तुम लोग इन वचनों में परमेश्वर का
प्रकटन देख सकते हो। उसके पद चिन्हों के
साथसाथ
चलना शुरू कर सकते हो और एक नए युग की तरफ
बढ़ सकते हो। और उस सुंदर में
स्वर्ग और पृथ्वी में प्रवेश कर सकते हो
जिसे परमेश्वर ने उन लोगों के लिए
तैयार किया है
जो उसके प्रकटन का इंतजार
करते हैं।
