परमेश्वर के वचन हैं कभी न बदलने वाले सत्य
परमेश्वर के वचन सदा अपरिवर्तनीय
सत्य है। वह मनुष्य के लिए जीवन की
आपूर्ति
और मानव जाति के लिए एकमात्र मार्गदर्शक
है। परमेश्वर के वचनों का मूल्य और अर्थ
इससे निर्धारित नहीं होता कि क्या उन्हें
मानव जाति अनुमोदित करती या स्वीकारती है।
बल्कि स्वयं वचनों के सार से
निर्धारित
होता
है।
यहां तक कि इस पृथ्वी पर एक भी व्यक्ति
परमेश्वर के वचन ना स्वीकार पाए तो भी
उसके वचनों के मूल्य और मानव जाति के लिए
उनके
उपकार का आकलन करना किसी भी मनुष्य के लिए
असंभव है।
परमेश्वर के वचनों के खिलाफ विद्रोह करने
वाले
उनका खंडन करने वाले या उनका पूरी तरह से
तिरस्कार करने वाले बहुत से लोगों से
सामना होने पर उसका रवैया केवल यह रहता
है।
समय और तथ्यों को परमेश्वर की गवाही देने
दो
और यह साबित करने दो कि उसके वचन
सत्य
मार्ग और जीवन है।
उन्हें यह साबित करने दो कि जो कुछ
परमेश्वर ने कहा है वह सब सही है। और वह
ऐसा है जो मनुष्य के पास होना चाहिए
और इतना ही नहीं जो मनुष्य को स्वीकार
करना चाहिए।
परमेश्वर निश्चित करेगा कि जो लोग उसका
अनुसरण करते हैं वे इस तथ्य को जान ले।
जो लोग पूरी तरह से परमेश्वर के वचनों को
स्वीकार नहीं कर सकते।
जो उसके वचनों का अभ्यास नहीं कर सकते।
जो उसके वचनों में कोई लक्ष्य नहीं खोज
सकते। और जो उसके वचनों के कारण उद्धार का
अनुग्रह प्राप्त नहीं कर सकते। वे ऐसे लोग
हैं जिनकी उसके वचन निंदा करते हैं। यही
नहीं वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने उसका
उद्धार गवा दिया है और उसकी लाठी उनसे कभी
नहीं हटेगी।
समय और तथ्यों को परमेश्वर की गवाही देने
दो और यह साबित करने दो कि उसके वचन सत्यम
और जीवन है। समय और तथ्यों को परमेश्वर की
गवाही देने दो और यह साबित करने दो कि
उसके वचन सत्य मार्ग और जीवन है।
