ambar bhi naya अम्बर भी नया धरती भी नई और
अम्बर भी नया, धरती भी नई और नया येरूशलेम होगाहर सुबह नई हर शाम नई हर वक़्त सुहाना होगासुन्दर सा नगर एक होगा - २अंधे की आँख खुलेगी, बहरे का कान खुलेगा - २दौडेगा जोर से लंगडा, गूंगा महिमा गाएगाकोई कष्ट नहीं, आंसू भी नहींबस प्यार हे प्यार होगा - हर सबह नई सूरज न डूबेगा, चाँद भी न सोयेगा - २कभी अँधेरा न होगा, और पाप का नाम न होगा वहा मौत नहीं बीमारी नहीं कभी किसी का अंत न होगा - हर सुबह नई