aawaaz udayenge hum saazआवाज़ उठाएंगे
आवाज़ उठाएंगे, हम साज़ बजाएंगे,
है यीशु महान अपना, यह गीत सुनाएंगे
1 ना देख सका हमको, तू पाप के सागर में,
और बनके मनुष्य आया, आकाश से सागर में,
मुक्क्ति का तू दाता है, दुनिया को बतायेंगे,
है यीशु महान अपना, ये गीत सुनायेंगे;- आवाज़..
2 संसार की सुन्दरता में, यह रूप जो तेरा ही,
इन चांद सितारों में, है अक्स जो तेरा ही
महिमा की तेरी बातें, हम सबको बताएंगे,
है यीशु महान अपना, ये गीत सुनायेंगे;- आवाज़..
3 दिल तेरा ख़ज़ाना है, एक पाक मुहब्बत का,
था पा न सका कोई, सागर है तु उल्फ़त का,
हम तेरी मुहब्बत से, दिल अपना सजायेंगे,
है यीशु महान अपना, ये गीत सुनायेंगे;- आवाज़..