Duk ka kadora aagar
1 दु:ख का कटोरा आगर, मेरा प्रभु मुझे देगा
खुशी से मैं लेकर उसे, हालेलूयाह गाऊं सदा
2 कष्टों का हो चाहे अम्बा| निन्दा का हो तीखा प्रहार
यीशु तेरी शक्ति से मैं, सहते हुए पहुंचूंगा पार
3 मेरे स्वामी! मेरे प्रभु! तुझ पर भरोसा मेरा
मेरी दृष्टि है तेरी और, मुझ पर हो तेरी दया
4 प्रभू तेरे आने का दिन, शीघ्र ही करीब आ रहा
बाहों में तू लेकर मुझे, मेरे आंसु को पॉछेगा
5 तेरी मधुर वाणी से मैं, धीरज सदा पाता रहा
अंधियों के झोंकों में भी, दिया मेरा जलता रहा