jaise hirani as the deer panteth जैसे हिरणी जल के लिये है प्या
जैसे हिरणी जल के लिये है प्यासी
मेरा प्राण तेरे लिए प्यासा है
तू ही है मेरे दिल कि चाहत
और मैं तेरी आराधना करूँ (2)
तू ही है मेरा बल और ढाल
मेरी आत्मा तेरी ओर झुके
तू ही है मेरे दिल कि चाहत
और मैं तेरी आराधना करूँ (2)
2 तू है राजा लेकिन तू मेरा
मित्र और मेरा भाई है
सब लोगों और सब बातों से बढकर
मैं तुझसे प्यार करता हूँ (2)
3 सोने और चाँदी से ज्यादा मैं तुझे चाहूँ
तुही मुझे तृप्त करता हैं
सच्छे आनंद का दाता केवल तुही
और मैं तेरी आँखों कि पुतली (2)