Parmeshwar ka puthru
1 परमेश्वर का पुत्त्रू, यीशु आया जग मैं
हम को देने प्रेम क्षमा चंगाई
जिया और मारा वोह मुजको बजाने
हे सदा जीवित वो मेरा पालन हार
2 वोह ज़िन्दा है, चिन्दा नहीं मुझे
कल का भय मुजको नहीं
भविष्य मेरा उसके हाथों से
हे कितना धन्य, इस जग मैं मेरा जीवन.
3 अनाद नहीं हूँ, अनाश्रीध हुं में,
वारिस मैं, हैं मेरा प्रभु
सर्वसक्तिमान के सीने के पावो
आराम सर्वदा आनंद से
4 डर अब नहीं मुझे, आश्रय वो मेरा,
उसका हाथ हैं मेरे यारी,
सर्वदा सीध मार्ग तेरी
हानी न होगी वो है मेरा प्रभु
1 Parmeshvar ka puthru, yesu aya jag main
Hum ko dene prem kshma changai
Jiya aur mara woh mujko bajane
Yeh sadha jeevith who mera palan haar
2 Wo zinda hain, chinda nahin muje
Kal ka bhay mujko nahi
Bhavishye mera uske hathom se
Hay kitna dhany, is jag main mera jevan.
3 Anaad nahin hum, anasrid hum main,
Varis main hai mera prabhu
Sarvsaktiman ke seene ke pavoo
Aaram sarvadha anand se.
4 Dar ab nahi muje, aasray wo mera,
Uska hath hain mere yari,
Sarvadha sedhu marg theri
Hani na hogi wo hai mera prabhu.