Prabhu yeshu ke pavitra lahuप्रभु ईशु के पवित्र लहू से मैं
प्रभु ईशु के पवित्र लहू से मैं बिल्कुल धुल गया
उस पवित्र लहू की शक्ति से मैं जय ललकारूंगा
महिमा गाता, स्तुति हो सर्वदा
पाप के दल दल से मुझे निकाला
जीवन भर तेरी ही करूंगा मैं स्तुति रहूँगा आज्ञाकारी (२)
अपने भाग्य के ख्याल से दिल उछलता खुशी से
दुनिया के सुख है फीके उस खुशी की रौनक से
सनातन राज्य मैं दूतों संग भजूंगा यीशु के स्तुति में महिमा करूंगा
यीशु के खून ने लाया रंग इस रूप में युगानुयुग के लिए (२)
महिमामय सियोन राज्य में जल्द उठाया जाऊँगा
मेरे सारे क्लेश मिट जायेंगे जब वहाँ मैं पहुँचूँगा
पाऊंगा अब्दी आनंद और खुशी जो कभी भी मुझसे छीनी न जायेगी
आनंद के गीत मैं गाऊँगा हर समय राजा यीशु के सामने (२)