Prarthana me jo kuch mamgaप्रार्थना में जो कुछ माँगा
प्रार्थना में जो कुछ माँगा
पूरा करो अरमान (२)
सारी घताएं मानता हूँ
तेरा करूं अब ध्यान (२)
1 दिल में धीमी आवाज़ आई
अपने गुनाहों को मान
जान लिया मैंने आवाज़ उसकी
जिसका किया अपमान (२)
2 ईमान लाये तुझपे मसीहा
आए उम्हारे पास
माफ करो अब पाप हमारे
कर दो लहू से साफ (२)