sahara mujko chahiyeसहारा मुझको चाहिये सहारा दे मु
सहारा मुझको चाहिये सहारा दे मुझे खुदा (2)
मुझे संभाल मैं गिरा (2)
1. यह भोझ जो गुनाहों का
मैं लेके आज चल रहा (2)
उठायेगा अगर कोई
वह तू ही तो है ऐ खुदा
मुझे संभाल मैं गिरा (2)
2. कठिन हैं रासते बहुत
हर एक मोड़ पर खतर (2)
अँधेरा सायों को हटा
दिखादे मुझको अब सहर
मुझे संभाल मैं गिरा (2)
3. जहाँ के रासतो पे मैं
अकेले चल न पाऊँगा (2)
अगर जो चलना चाहूँ भी
फिसल के गिर मैं जाऊँगा
मुझे संभाल मैं गिरा (2)