Sang sang yeshu ko rahna kitanaसंग संग यीशु के रहना कितना आनं
संग संग यीशु के रहना कितना आनंद है
यीशु के लिए ही जीना कैसा भाग्य है
उसमें होता उम्मीदों का दायरा विशाल (२)
जीवन मेरा पाके उसको हो गया निहाल (२)
१. क्रूस पर उठाया उसने मेरे पापों को
खून से मिटाया उसने मेरे पापों को
गहरा होता प्यार मेरा यही सोचकर (२)
दिन गिन रहा हूँ मैं मिलन की आस पर (२)
२. इस जामी पर कष्ट मेरे जब होंगे खत्म
तब अनन्त घर में अपने रखूंगा कदम
उस दिन गाऊंगा खुशी से सरे सन्तो संग (२)
अब नहीं है दूर मुझसे वो मधुर मिलन (२)
३. मेरे प्रेमी , मेरे प्यारे, मेरे प्राण नाथ
किस दिन लेके जायेगा, तू मुझको अपने साथ
उस घड़ी का आनन्द होगा प्यारों बेमिसाल (२)
हाल्लेलुयाह गाऊंगा देखूँगा मैं जलाल (२)