santhosh umed rehaaसंतोष उमड़ रहा
संतोष उमड़ रहा
संतोष उमड़ रहा-२
संतोष उमड़ ही रहा
हल्लेलुय्याह येशु ने मुझे बचाया
मेरे पाप को धो दिया
संतोष उमड़ ही रहा
१. मन न फिराए हुए लोग
नरक मे रोते रहेंगे-२
मै तो सुंदर स्वर्ग मे
नया गीत गाऊंगा-२
कितना अच्छा येशु
मुझे अब तक बचाया
२. रह भटक मै घूम रहा था
उसके फाटकों मे खोया हुआ था
फिर भी येशु प्यार किया
उसने मुझ पे रहम किया-२
कितना अच्छा येशु
मुझे अब तक बचाया