yeshu mahonnat koयशु महोन्नत को महोन्नत को
यशु महोन्नत को महोन्नत को
जल्दी देखने
मेरे प्रियतम को देखने 2
1 सुदर रूप को मैं
उसे बादल पर जल्दी देखने
मेरे प्रियतम को देखने 2
काष्टा बहुत जिन्होने सहे
पत्थर वहां से मरने वेल उस देश में
मास्सिहा के सल्लाज करेंगे;-
2 रत्नजडि माला मुझे देगा
शुब्र वस्त्रे
स्वामी मुझे पहनाएगा वह दिन 2
आशु हड़ेगा हजरें साल
उसे के सुंग हम राज करेंगे उस देश में
मेरेलिए त्यार किये घर में;-
3 दिन और रात ना वहां सुषोबित हे मेरा देश
चारों प्राणी गाते रेहेंगे 2
जीवन जल की नदी हे वहां
जीवन विर्श और सबकुछ भरपुरी हे देश
सर्वा स्रेष्टा भूमि हे मेरा देश;-