तुम दुनिया के नूर हो
तुम दुनिया के नूर हो
चराग बन के चमको
जो शहर ऊँचे पहाड़ो पे बस्ता है
उसे भला कैसे छुपाया जा सकता है
शम्मा जला के कौन उसको छुपता है
रौशनी से उसकी उजाला हो जाता है
ऐसे काम करना सदा तुम दुनिया में
तुम में सब तुम्हारे मसीहा को पहचाने